केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता सुधारने हेतु 15 राज्यों को जारी किए 2,200 करोड़ रुपये
केंद्र सरकार ने 02 नवंबर 2020 को वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में काम करने के लिए 15 राज्यों को 2,200 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की. इस खबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साझा किया. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अनुदान से लाभार्थी राज्यों को विभिन्न वायु गुणवत्ता उपायों को करने में मदद मिलेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ट्वीट किया कि सरकार ने 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप 15 राज्यों को उनके 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में काम करने के लिए 2,200 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है.
फायदा
इस राशि से लाभान्वित होने वाले राज्यों को वायु गुणवत्ता सुधारने के कदम उठाने में मदद मिलेगी. यह स्थानीय निकायों की क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होगा. इन 15 राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं.
वित्त मंत्रालय ने क्या कहा?
वित्त मंत्रालय के अनुसार, वायु गुणवत्ता सुधार उपायों के साथ-साथ वायु प्रदूषण की निगरानी में स्थानीय निकायों की सहायता के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों की अतिरिक्त जरूरतों को पूरा करने के लिए अनुदान का उपयोग करने का इरादा है.
2,200 करोड़ रुपये की पहली किस्त
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय के मुताबिक, सरकार ने 15 राज्यों को उनके 10 लाख से ज़्यादा आबादी वाले शहरों में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए 2,200 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है. इन राज्यों के 42 बड़े शहरों में सर्वाधिक सात शहर उत्तर प्रदेश के हैं और सबसे ज़्यादा 244 करोड़ रुपये मुंबई के लिए जारी हुए हैं.
15 राज्यों के लिए राशि: एक नजर मे
राज्य का नाम कुल राशि मंजूर
आंध्र प्रदेश 67.5 करोड़
बिहार 102 करोड़
छत्तीसगढ़ 53.5 करोड़
गुजरात 202.5 करोड़
हरियाणा 24 करोड़
झारखंड 79.5 करोड़
कर्नाटक 139.5 करोड़
मध्य प्रदेश 149.5 करोड़
महाराष्ट्र 396.5 करोड़
पंजाब 45 करोड़
राजस्थान 140.5 करोड़
तमिलनाडु 116.5 करोड़
तेलंगाना 117 करोड़
उत्तर प्रदेश 357 करोड़
पश्चिम बंगाल 209.5 करोड़
कुल Rs. 2,200 करोड़
15 वें वित्त आयोग द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करना
15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 की रिपोर्ट तैयार कर ली है. आयोग 09 नवंबर 2020 को यह रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपेगा. इस रिपोर्ट की एक प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सौंपी जाएगी. केंद्र सरकार की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इस रिपोर्ट पर एन के सिंह के अलावा 15वें वित्त आयोग के सदस्यों अजय नारायण झा, प्रोफेसर अनूप सिंह, डॉक्टर अशोक लाहिड़ी और डॉक्टर रमेश चंद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह रिपोर्ट और भारत सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट संसद में पेश करेंगी. इस रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर वित्त वर्ष 2025-26 से जुड़ी सिफारिशों को शामिल किया गया है.
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